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बिना पद के बढ़ा कद, शिवपाल के घर लगने लगा जमावड़ा
15-12-2022
बिना पद के बढ़ा कद, शिवपाल के घर लगने लगा जमावड़ा
बिना पद के बढ़ा कद, शिवपाल के घर लगने लगा जमावड़ा नए-नए पूरी तरह सपाई हुए शिवपाल यादव को हालांकि अभी समाजवादी पार्टी में कोई पद नही मिला है। लेकिन जिस तरह मैनपुरी उपचुनाव के दौरान उनकी पार्टी में दिल से वापसी हुई है और उसके बाद उनके विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर से डिम्पल यादव की जबर्दस्त वोटों की लीड मिली है। सपा में शिवपाल यादव का कद बिना पद के भी कई गुना बढ़ गया है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है लखनऊ में उनके यहाँ इन दिनों कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगने लगा है। कार्यकर्ताओं की इस भीड़ में सर्वाधिक संख्या उन लोगों की है जो निकट भविष्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में किसी न किसी पद पर प्रत्याशिता करना चाह रहे हैं। हालांकि राजनीतिक पंडितों की मुताबिक अखिलेश के लखनऊ वापसी पर शिवपाल को उनका वाजिब पद रूपी गिफ्ट जिसके वो हकदार हैं दिया जाएगा। https://purvanchalnama.com/akhileshyadav-shivpalyadav-dimpleyadav-mainpuri-sp/
खतौली मैच जीतने वाला मायूस क्यों ?
14-12-2022
खतौली मैच जीतने वाला मायूस क्यों ?
उत्तर प्रदेश में दो विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के परिणाम ने जहां विपक्षियों खासकर समाजवादी पार्टी और उनके सहयोगियों को राजनीतिक संजीवनी देने का काम किया है वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी के उत्साह पर पानी फेर दिया है। लेकिन ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खतौली सीट पर जीत दर्ज करने के बाद भी राष्ट्रीय लोकदल यानि रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी खुश नही हैं बल्कि मायूस हैं। मायूस होने के पीछे के उनके तर्क को पिछले दिनों उनके द्वारा किए गए ट्वीट से बखूबी समझा जा सकता है। उन्होंने अपने ट्वीट में यह जताया था कि खतौली और मैनपुरी में उनके गठबंधन को जिस तरह से सबका समर्थन मिला है उससे उन्हें बहुत खुशी हुई है। ये सर्वसमाज में समरसता के अच्छे संकेत हैं। लेकिन जिस तरह रामपुर में चुनाव प्रक्रिया के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंटा गया है उससे मैं आहत हूं।
डिम्पल नहीं रहीं सिम्पल
09-12-2022
डिम्पल नहीं रहीं सिम्पल
मैनपुरी में हुए लोकसभा उपचुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिम्पल यादव ने रिकार्डतोड़ जीत हासिल की है उसने यह साबित कर दिया है कि डिम्पल अब सिम्पल नही रहीं। वो अब एक परिपक्व राजनेत्री हो गयी है। नेताजी मुलायम सिंह यादव परिवार की बहू और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सीधी-साधी सुसंस्कारित सी सदैव हिन्दुस्तानी लिबास में रहने वाली डिम्पल ने इस चुनाव के दौरान ऐसे-ऐसे कार्य-व्यवहार का इजहार किया है जिसने न केवल यादव कुनबे को एकजुट करने में मदद की बल्कि एक तरह से समाजवादी पार्टी के अस्तित्व को बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। क्योंकि नेताजी की गैरमौजूदगी में मैनपुरी का यह उपचुनाव पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया था।
मैनपुरी फतह : चाचा ने दिया आशीर्वाद, तो बहू ने रचा इतिहास
08-12-2022
मैनपुरी फतह : चाचा ने दिया आशीर्वाद, तो बहू ने रचा इतिहास
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव में मिली सपा प्रत्याशी डिम्पल यादव की रिकार्ड जीत ने यह प्रमाणित कर दिया है कि यह जीत क्षेत्र में नेताजी मुलायम सिंह यादव के प्रति मतदाताओं की सहानुभूति और चाचा शिवपाल यादव की पार्टी में घर वापसी से उपजी कार्यकर्ताओं के उत्साह का परिणाम है। जिस तरह से जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में डिम्पल यादव को वोट मिला है उससे यह साफ हो गया है कि चाचा शिवपाल यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र में न केवल अपनी पकड़ मजबूत रखी है बल्कि डिम्पल यादव की जीत के लिए ईमानदारी से क्षेत्र में उन्होने प्रयास भी किया है।
यूपी निकाय चुनाव : कब्जे के लिए अखिलेश ने चला नया दांव
07-12-2022
यूपी निकाय चुनाव : कब्जे के लिए अखिलेश ने चला नया दांव
विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर समाजवादी पार्टी पूरे जोशोखरोश से प्रदेश में होने जा रहे नगर निकाय या ये कह लें शहरी सरकार के चुनाव के लिए तैयारी में जुट गयी है। पिछले कुछ अरसे से पार्टी से नाराज चल रहे दिग्गज नेता शिवपाल सिह यादव के घर वापसी से उपजे उत्साह की वजह से पार्टी ने इस बार शहरी सरकार पर कब्जे को लेकर एक अलग रणनीति बनाई है। नेताजी मुलायम सिंह यादव के गैरमौजूदगी में पार्टी के सर्वेसर्वा पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने न केवल इस बार पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को इस चुनाव में मौका दिये जाने के प्रति भी काफी गंभीर है।
गोरखपुर के बाद अब वाराणसी का मेयर होगा किन्नर !
06-12-2022
गोरखपुर के बाद अब वाराणसी का मेयर होगा किन्नर !
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर के नगर निगम के नाम एक अनूठा रिकार्ड भी दर्ज है। वो रिकार्ड है निगम का मेयर पद पर किसी किन्नर के विजयी होने का। जी हाँ गोरखपुर में सन 2001 में आशा देवी किन्नर मेयर चुनी गई थीं। हालांकि उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी जैसी सभी दिग्गज राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार मैदान में थे। लेकिन इन सभी पार्टियों के दिग्गजों की जमानत जब्त हो गई थी। अब इसी रिकार्ड को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किन्नर भी इस निकाय चुनाव में कमर कस रहे हैं। वाराणसी के किन्नर समाज ने इस बार यह निर्णय लिया है कि प्रदेश में होने जा रहे नगर निकाय चुनाव में वाराणसी के मेयर और पार्षद पद पर किन्नर प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।
जानिए एक हफ्ते में तीसरी बार गोरखपुर क्यों आए मुख्यमंत्री योगी !
04-12-2022
जानिए एक हफ्ते में तीसरी बार गोरखपुर क्यों आए मुख्यमंत्री योगी !
जबसे योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हुए है। तबसे शायद ही कोई ऐसा महीना बीता हो जब मुख्यमंत्री योगी अपनी पद की व्यस्तताओं के बावजूद अपनी कर्मस्थली गोरखपुर का दौरा न किए हो। और जब भी उनका गोरखपुर दौरा हुआ है तो हर बार गोरखपुर के लिए उनके द्वारा लिखी जा रही विकासी पटकथा में कुछ न कुछ नया अंश अवश्य जोड़ा गया। ऐसा इसलिए भी होता रहा क्योंकि अपने लगभग दो दशकीय सांसदी जीवन में योगी आदित्यनाथ ने बतौर राजनेता और आध्यात्मिक संत इस इलाके की जमीनी असलियत को बहुत नजदीक से न केवल महसूस किया है बल्कि देखा भी है। इसलिए अब जब शासन-सत्ता की बागडोर उनके हाथ में मिली है तो उसे ईश्वरीय कृपा मान कर हर उस समस्या का समाधान वो कर देना चाहते हैं जो उनकी प्राथमिकता में है।
महाराष्ट्र, बिहार की तरह यूपी में भी होगा तख़्ता पलट!
03-12-2022
महाराष्ट्र, बिहार की तरह यूपी में भी होगा तख़्ता पलट!
समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा एक चुनावी सभा में दिये गए सौ विधायक लाओ और सीएम बन जाओ जैसे बयानों के निहितार्थ अब निकाले जाने लगे हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि जिस तरह महाराष्ट्र और हाल मे बिहार में सत्ता पलट हुआ है उसी तरह की सियासी सड़क पर अब उत्तर प्रदेश की सियासत भी चल पड़ी है। हालांकि कई राजनीतिक दिग्गज अखिलेश के बयान को महज सियासी तंज़ ही मान रहे है लेकिन सच्चाई ये है कि ये सियासत है। सियासत में कुछ स्थायी और कुछ भी नामुमकिन नही होता है। इसमें सब कुछ संभव है। https://purvanchalnama.com/change-in-up-politics-likes-bihar/
मैनपुरी उपचुनाव : जानिए शिवपाल का मास्टर स्ट्रोक
02-12-2022
मैनपुरी उपचुनाव : जानिए शिवपाल का मास्टर स्ट्रोक
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रचारी सर्गर्मियां इन दिनों अपने चरम पर है। हर पार्टियों के दिग्गज मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के एक-एक विधानसभा क्षेत्र को मथने में लगे हैं। हर कोई एक-एक मतदाता को अपने पाले में कर लेना चाहता है। चूंकि यह लोकसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी के गढ़ के रूप में जाना जाता रहा है। इसलिए यहाँ का जमीनी माहौल बीजेपी की अपेक्षा सपा के लिए माकूल है। माना जा रहा कि यहाँ के परिणाम पर नेताजी मुलायम सिंह यादव की गैरमौजूदगी से उपजी सहानुभूति भी रंग दिखाएगी। इसी रंग में पूरे क्षेत्र को रंगने के लिए समूचा यादव कुनबा ताल ठोंक के मैदान में उतर गया है।
धर्म संकट में धर्म सिंह
01-12-2022
धर्म संकट में धर्म सिंह
मुंह से निकली बोली और बंदूक से निकली गोली कभी वापस नहीं होती। इसीलिए कहा जाता है कि बहुत सोच समझ कर बोलना चाहिए। बीजेपी के पूर्व मंत्री धर्मसिंह सैनी अपनी बिना भूत-भविष्य समझे बोले गए बोली की वजह से आज धर्म संकट में फंस गए हैं। बीजेपी से सपा में गए धर्म सिंह की बीजेपी में पुनर्वापसी की तैयारी हो चुकी थी। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी का प्रदेश आलाकमान 30 नवंबर को खतौली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंच से इनकी ज्वाइनिंग कराने की योजना पर मुहर लगा चुका था। यहाँ तक कि इस बाबत पूरी तैयारी से धर्मसिंह अपने घर से खतौली के लिए निकल भी चुके थे। लेकिन पिछले दिनों उनके द्वारा सीएम योगी के खिलाफ बोले गए एक नासमझ बोल ने उनके और बीजेपी प्रदेश आलाकमान के सारे किए कराये पर पानी फेर दिया।
CM के सपनों का गोरखपुर : स्टील और बिजली उत्पादन के साथ-साथ रोजगार सृजन भी करेगा ‘अंकुर उद्योग (स्टील)’
25-11-2022
CM के सपनों का गोरखपुर : स्टील और बिजली उत्पादन के साथ-साथ रोजगार सृजन भी करेगा ‘अंकुर उद्योग (स्टील)’
भारतीय जनता पार्टी के सबका साथ-सबका विकास सरीखे एजेंडे के साथ-साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वाञ्चल को लेकर अपना एक अलग सपना भी है। जो उन्होंने गोरखपुर लोकसभा सीट का दो दशकों तक प्रतिनिधित्व करते हुए और उससे भी अधिक समय से नाथ संप्रदाय के प्रसिद्ध गोरक्षपीठ से अपने जुड़ाव के दौरान देखा था। अब जब बाबा गोरक्षनाथ की कृपा और सूबे की पच्चीस करोड़ अवाम के विश्वास की बदौलत उन्हे अवसर मिला है तो उसे वो ईमानदारी से साकार करने में प्रयासरत हैं। https://purvanchalnama.com/gorakhpur-of-cms-dreams-along-with-steel-and-electricity-production-ankur-udyog-steel-will-also-create-employment/