जबसे योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हुए है। तबसे शायद ही कोई ऐसा महीना बीता हो जब मुख्यमंत्री योगी अपनी पद की व्यस्तताओं के बावजूद अपनी कर्मस्थली गोरखपुर का दौरा न किए हो। और जब भी उनका गोरखपुर दौरा हुआ है तो हर बार गोरखपुर के लिए उनके द्वारा लिखी जा रही विकासी पटकथा में कुछ न कुछ नया अंश अवश्य जोड़ा गया। ऐसा इसलिए भी होता रहा क्योंकि अपने लगभग दो दशकीय सांसदी जीवन में योगी आदित्यनाथ ने बतौर राजनेता और आध्यात्मिक संत इस इलाके की जमीनी असलियत को बहुत नजदीक से न केवल महसूस किया है बल्कि देखा भी है। इसलिए अब जब शासन-सत्ता की बागडोर उनके हाथ में मिली है तो उसे ईश्वरीय कृपा मान कर हर उस समस्या का समाधान वो कर देना चाहते हैं जो उनकी प्राथमिकता में है।