उत्तर प्रदेश में दो विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के परिणाम ने जहां विपक्षियों खासकर समाजवादी पार्टी और उनके सहयोगियों को राजनीतिक संजीवनी देने का काम किया है वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी के उत्साह पर पानी फेर दिया है। लेकिन ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खतौली सीट पर जीत दर्ज करने के बाद भी राष्ट्रीय लोकदल यानि रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी खुश नही हैं बल्कि मायूस हैं। मायूस होने के पीछे के उनके तर्क को पिछले दिनों उनके द्वारा किए गए ट्वीट से बखूबी समझा जा सकता है। उन्होंने अपने ट्वीट में यह जताया था कि खतौली और मैनपुरी में उनके गठबंधन को जिस तरह से सबका समर्थन मिला है उससे उन्हें बहुत खुशी हुई है। ये सर्वसमाज में समरसता के अच्छे संकेत हैं। लेकिन जिस तरह रामपुर में चुनाव प्रक्रिया के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंटा गया है उससे मैं आहत हूं।